जब से हुआ है प्रवेश मेरा इस शहर में तब से फंस गया हूं मैं एक चक्रव्यूह में। जब से हुआ है प्रवेश मेरा इस शहर में तब से फंस गया हूं मैं एक ...
आप केवल लोगों को सोचकर ही जीते रहे अपनी इच्छाओं का मुंह खुद ही सीते रहे। आप केवल लोगों को सोचकर ही जीते रहे अपनी इच्छाओं का मुंह खुद ही सीते रहे।
लक्ष्य तभी हो सकेगा पूरा, जब उचित समय पर भेजा सच अति कड़वे हैं दुनिया में। लक्ष्य तभी हो सकेगा पूरा, जब उचित समय पर भेजा सच अति कड़वे हैं दुनिया में।
"बार बार लिखना चाहा , जानना चाहा खुद को पर न ही लिख पाई न ही समझ पाई खुद को मन की व्यथा ... "बार बार लिखना चाहा , जानना चाहा खुद को पर न ही लिख पाई न ही समझ पाई खुद...
शायद वक्त बहुत बड़ी दवा, इसके साथ हर जख्म भर जाता। शायद वक्त बहुत बड़ी दवा, इसके साथ हर जख्म भर जाता।
अन्तरिक्ष में चला जाता है कभी वापिस न आने के लिए। अन्तरिक्ष में चला जाता है कभी वापिस न आने के लिए।